सभी हिन्दुस्तानियों को ६५वें
गणतंत्र दिवस
की बहुत-बहुत बधाई
एवं ढेरों
शुभकामनायें!!!
यह ख़ुशी की बात है कि भारत के गणतंत्र बनने के ६४ वर्ष बाद और प्रथम लोकपाल बिल के संसद में प्रस्तुत किये जाने के ४४ साल बाद, आज नेता-बाबू-पुलिस पर अंकुश लगाने के लिए हमारे सविधान में लोकपाल template जुड़ चुकी है। भले ही अरविन्द केजरीवाल उससे Jokepal कहें, परन्तु लोकपाल template को upgrade करके भविष्य में मनचाहा रूप दिया जा सकता है।
कानून के जरिय तो हमने नेता-बाबू-पुलिस पर अंकुश लगाने का लोकपाल कानून का जुगाड़ कर लिया है। इसको मैंने जुगाड़ इसलिए कहा है क्योंकि यह एक फलदायी प्रयास तभी साबित होगा जब प्रत्येक हिंदुस्तानी अपना-अपना स्वपाल पारित करे और उसे ईमानदारी से लागू करे। क्योंकि अगर हम अपने सरकारी संपर्क में पिछले दरवाज़े का इस्तेमाल करेंगे और अपने सामाजिक व्यवहार में अनुशासन पर नहीं चलेंगे तो सख्त से सख्त लोकपाल कानून भी नेता-बाबू-पुलिस पर इच्छित अंकुश नहीं लगा पायेगा।
तो आप कब स्वपाल कानून पास करके उसे ईमानदारी से लागू करने जा रहें है???
यह ख़ुशी की बात है कि भारत के गणतंत्र बनने के ६४ वर्ष बाद और प्रथम लोकपाल बिल के संसद में प्रस्तुत किये जाने के ४४ साल बाद, आज नेता-बाबू-पुलिस पर अंकुश लगाने के लिए हमारे सविधान में लोकपाल template जुड़ चुकी है। भले ही अरविन्द केजरीवाल उससे Jokepal कहें, परन्तु लोकपाल template को upgrade करके भविष्य में मनचाहा रूप दिया जा सकता है।
कानून के जरिय तो हमने नेता-बाबू-पुलिस पर अंकुश लगाने का लोकपाल कानून का जुगाड़ कर लिया है। इसको मैंने जुगाड़ इसलिए कहा है क्योंकि यह एक फलदायी प्रयास तभी साबित होगा जब प्रत्येक हिंदुस्तानी अपना-अपना स्वपाल पारित करे और उसे ईमानदारी से लागू करे। क्योंकि अगर हम अपने सरकारी संपर्क में पिछले दरवाज़े का इस्तेमाल करेंगे और अपने सामाजिक व्यवहार में अनुशासन पर नहीं चलेंगे तो सख्त से सख्त लोकपाल कानून भी नेता-बाबू-पुलिस पर इच्छित अंकुश नहीं लगा पायेगा।
तो आप कब स्वपाल कानून पास करके उसे ईमानदारी से लागू करने जा रहें है???
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